Sir ne mujha class me he chod dala
Hindi Sexy Chudaie Kahani
मेरा नाम सेक्सी शिल्पा यादव है सबसे पहले में Hindi Sexy Chudaie Kahani बारे में आप लोगों को बता दूं मैं हरियाणा की यमुना नगर की रहने वाली हूं मैं एक मिडिल क्लास फैमिली से बिलॉन्ग करती हूं और मेरे पिता स जॉब करते हैं मेरी मां हाउसवाइफ है मेरी बडी sister है और मेरे से छोटा एक भाई है जो अभी कॉलेज में है मेरी hight 5.6 है और मेरा रंग साफ गोरा है
● अब कहानी start करते हैं
बात कुछ 5 साल पहले की है यानी कि 2013 कि मैं कंप्यूटर सीखने के लिए सेंटर जाती थी सेंटर पर कई सर और मैडम थे उनमें से कुछ कुछ एक दूसरे से गंदे इशारे और बातें करते थे लेकिन जिस सर कि मैं बात कर रही हूं उनकी उम्र कुछ 22-23 साल थी उनका नाम अनिरुद्ध है कंप्यूटर की बड़ी नॉलेज थी कुछ भी है वह फौरन गलती बता देते थे उनका रंग सांवला था और उनका पेट थोड़ा बाहर आया हुआ था सर का फैमिली बैकग्राउंड बहुत सॉलिड था पर वह सिर्फ टाइमपास के लिए ही जॉब करते थे
उनसे बाकी के सर और मैडम बहुत डरते थे क्योंकि वह थोड़ी गुस्से वाले थे वह जॉब के साथ साथ आगे स्टडी भी करते थे जब वह क्लास लेते तो कोई शोर नहीं करता और चुपचाप जो बताया जाए वह कर लेते थे मुझे अभी यहां 8 महीने हो गए थे एक दिन सर का फोन आया कि वो आधा घंटा आयेगे मैंने सर को चिढ़ाने के लिए जानबूझ के 1 हाड मिस्टेक निकाल कर रखी थी मैं अक्सर उन्हें ऐसे हैरान करती लेकिन वो तुरन्त जवाब दे देते थे जब सर आये उन्हें मैंने अपनी question दिखाई उन्होंने तुरंत solev कर दिया मैंने बोला wow sir आप ग्रेट हो फिर sir बोले तुम भी कुछ कम नही हो और मैं हंस पड़ी और उन्होंने मेरी और देखा मुझे लगा कि वह मेरी टीशर्ट के उभार को देख रहे थे मेरे बदन में 1 ठंडी सी लहर दौड़ उठी ऊपर से नीचे तक sir भी हंस पड़े मैं थोड़ी सी डर गई थी और इसी वजह से मैं अगले 2 दिन क्लास नहीं गई तीसरे दिन सुबह 9:00 बजे मेरे फोन पर call आया मैं फोन उठायी तो सर का call था , तो सर बोले दो दिन से class नही आ रही हो क्या बात है
मैंने कहा मैं बाहर गई थी कल से जरूर आऊंगी सेंटर पर ठीक है यह मेरा नंबर है कुछ काम हो तो sir ने लास्ट वाला सेंटेंस ऐसे बोला की उसमे ढेर सारी अन्तर्रवासन भरी हुई हो मुझे लगा कि शायद यह मेरा भ्रम ही है क्योंकि आज तक कभी भी सर ने कभी कोई गंदी बात नहीं की थी दूसरे दिन में सेंड कर गई अनिरुद्ध सर आये तो मुझे देखकर बड़े ही खुश हुए उन्होंने स्टाफ वाले केबिन से ही मुझे मैसेज किया और अपनी खुशी जताई मैंने देखा कि अब सर मुझे मिस करने लगे थे कभी जोक तो कभी शायरी कभी-कभी माइंड डबल मीनिंग भी भेज देते थे
उनकी शायरी दिल वाली होती थी और मैं भी कभी-कभी उन्हें शायरी का रिप्लाई कर देती थी अब सर के msg daliy 10 से 15 msg कर ही देते थे। मैंने उनका नाम बदल कर लड़की के नाम से save कर दी थी ताकि कोई शक ना करें और एक दिन तो सर ने हद ही कर दी उन्होंने गंदी शायरी भेजी मैंने कोई रिप्लाई नहीं किया उस दिन में शाम को 8:30 बजे उनकी कॉल आई मैंने ऊपर के कमरे में चुपके कॉल उठाई क्या बात है शिल्पा तुम रूठ गई क्या नहीं सर लेकिन ऐसे मैसेज मुझे प्रॉब्लम हो सकती हैं ठीक है मैं नहीं भेजूंगा लेकिन प्लीज कांटेक्ट मत छोड़ो मुझे चैन नहीं आता सर अब खुला फ्लर्ट करने लगे थे,
मैं भी उन्हें धीरे-धीरे पसंद करने लगी थी वो अब मुझे अपनी लाइफ की बहुत सी चीज share करने लगे थे उन्होंने मुझे यह भी बताया कि उनका पहला एफआर उनकी मामा की बेटी के साथ ही था वह मुझे भी मेरे बॉयफ्रेंड वगैरा के बारे में पूछ रहे थे मैंने उन्हें कहा कि मेरा कोई बॉयफ्रेंड नहीं है अक्सर वह मस्ती में मुझे कहते कि मुझे बना लो ना फिर, मैं हस कर उनकी बात को टाल देती थी
लेकिन होनी- तो होनी रहती है और हो के रहती हैं ऐसा ही कुछ उस दिन हुआ मैं घर पर निकल चुकी थी और रास्ते में ही बिन मौसम के बरसात हो गई ऊपर मै हल्के रंग की टिसर्ट और अंदर काली ब्रा पहनी थी मैं आधी से ज्यादा भींग गई थी कैसे करके मै सेन्टर पहुंची वहां देखा तो लाइट नहीं थी और एक 2 सर बाहर घूम रहे थे वो लोग मेरिओर अलग ही भाव से देख रहे थे क्योंकि मेरी बड़ी बूब्स के ऊपर पहनी काली ब्रा टीशर्ट के ऊपर से दिख रही थी तभी दौड़ते हुए अनिरुद्ध सर आए और उन्होंने
वो दोनों सर के सामने देखा वो दोनों वहां से खिसक लिए सर ने मुझे देखा और हंस पड़े आज छुट्टी कर लेती वैसे भी तुम्हारी बेच का कोई नहीं आया है अभी तक मैं क्लास में मखिया ही मार रहा था और अगर कोई आया भी तो लाइट नहीं है, मैंने कहा फिर मैं जाती हूं घर वापस सर ने कहा बारिश में और भीगने का इरादा है क्या बारिश कम हो लेने दो मैं तुम्हें अपनी बाइक से लिफ्ट दे दूंगा इतनी बात करके हम लोग क्लास में जा बैठे सर ने सही कहा था वहां कोई भी नहीं था ऊपर से क्लास का एक कौन अंधेरे की वजह से पूरा dark था
सर मेरे साथ ही बेंच पर बैठे और मुझे देखने लगे शिल्पा तुम सच में मस्त दिखती हो मैने सर्म से अपना मुंह नीचे किया और आज तो तुम्हारा बदन बिगने के बाद कयामत बना हुआ है सच में किसी की भी गलती नहीं है अगर वो तुम्हें देखता रहे सर की तारीफ से मेरी चूत गीली होने लगी थी सर बिना रुके बोलते रहे रहे बोलते रहे कास मेरी एक गर्लफ्रेंड होती तुम्हारी जैसी अब मैंने उनकी और देखा और हंस पड़ी और मेरे हंसने से जैसे सर के अंदर हिम्मत का दरिया फुट निकला उन्होंने मुझे अपनी और खींच कर अपने होठों से लगा दिए एक पल के लिए तो मुझे जैसे कुछ पता ही नहीं चला मेरे होठों को जैसे सर ने जादू किया था वो उनके साथ हो गए थे मैंने मुश्किल से सर का माथा अपने से दूर किया और बोली सर कोई देख लेगा, फिर सर बोले plllzz शिल्पा l love you मैं सच्चे दिल से तुम्हें चाहता हूं
मेरे पास सर की बात का कोई जवाब नहीं था मैंने मुड़ के दरवाजे की और देखा और फिर सर की तरफ देखा सर बोले कोई नहीं आएगा इधर और आया तो हमें कदमों की आहट से खबर हो जाएंगी इतना कहते ही उनके होंठ फिर से वापस मेरे होठों पर आ गए वो मेरी होठ चुस रहे थे खींच-खिंच के, मैं पहले तो कुछ नही कर रही थी लकिन फिर मेरा बदन भी सर के साथ घूल गयी मैंने भी सर का बाल पकड़ी और उनको खिंच कर मैं भी उनकी साथ देने लगी सर का हाथ मेरे बूब्स पर आ गया और वो उसे जोर से दबाने लगे। पहली बार कोई मर्द मेरी को हाथ लगाया था पर मुझे बहुत ही hot फील हो रही थी पूरे बदन के अंदर, सर मेरे दोनों चूचियां को मसल दिए और फिर उनका हाथ मेरी जांघों को सहलाने लगा
तभी किसी के कदमों की आहट हुई सर फट से उठ के बेंच के सामने खड़े हो गए आने वाला व्यक्ति चपरासी था वो सर को कुछ बोलने आया था वो बोला सर बड़े साहब ने कहा है कि सेंटर पर आज छुट्टी रख देने अनिरुद्ध सर बोले ठीक है सर को बोलो बारिश रुक लेने दो जरा फिर हम निकलेंगे चपरासी बोला बड़े सर तो बोल कर कब का निकल गए और साथ में दूसरे टीचर लोग भी निकल गए हैं मुझे ही सेंटर को लॉक करना है ये सुनते ही सर की आंखें चमक उठी फिर सर बोले “एक काम करो चाबी मुझे दे दो मैं लॉक कर दूंगा वैसे भी मैं सुबह में सबसे पहले आता हूं।
चपरासी हमारी और देखने लगा सर ने उसके कंधे पर हाथ रख के उसे बाहर ले गए और शायद उसे खर्चा पानी दे कर उसे घर जाने को कह दिया वहां से 1 मिनट में सर अंदर आये और बोले अब किसी का आने का कोई डर नहीं है अब सेंटर पर हम दोनों ही हैं मेरा भी एक भूल थी की मैं समझ नहीं पा रही थी कि यह सही था या गलत मेरे लिए फिर सर वापस मेरी और आए और उन्होंने फिर से मेरे होठों को अपने कब्जे में ले लिया और अब मेरी निपल जकड़ने लगी थे सर का हाथ वापस मेरी जांघ पर आया मुझे पूरे बदन में गर्मी आने नहीं लगी थी सर ने जैसे ही जांघ के बीच में हाथ डाला मैं तो जैसे उछल ही पड़ी सर ने जीन्स के ऊपर से ही मेरी योनि यानि चूत को सहला रहे थे
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मैं उत्तेजित हो गई थी और मेरे होठ पर भी गर्मी होने लगी थी मेरे होठ अब कपने लगे थे सर ने मेरी और देखा और बोले शिल्पा क्या तुम अभी तक कुवारी हो मतलब सील पैक ही है मैंने हां में सर हिलाया सर को तो जैसे बड़ी लॉटरी लगी हो वह मुझे गले से लगा के मेरे गाल और होठों को जोर जोर से चूमने लगे शिल्पा आज का दिन तुम अपनी जिंदगी में हमेशा याद रखो गी सर के अस्पर्स से अब मैं भी हॉट हो चुकी थी सर ने अब धीरे से मेरी टिसर्ट को ऊपर किया और मेरी मदद से उसे उतार फेंकी उन्होंने मुझे बेंच पर खड़ा किया और मेरी जीन्स की बटन भी खोल दी मेरी जींस उतारते ही मुझे बहुत शर्म महसूस होने लगी मैंने अपने दोनों हाथों से अपने मुंह को ढक दिया सर ने हस के कहा शिल्पा शरमाओ मत कभी ना कभी तो इसे उतरना ही था और फिर उनके हाथ पेंटी के ऊपर घूमने लगे जहां पर योनि का छेद होता है वहां पर वो सहलाने लगे
पता नहीं कैसे लेकिन मेरी चूत से पेशाब आने लगा था वह आखिरी 10 बिंदु को अपनी पैंटी के ऊपर देख रही थी सर मैं अब धीरे से पैंटी की पट्टी को पकड़ा और उसके नीचे खींचा मेरी चूत को बालों के बीच में मेरी चूत को देखकर वो हस पड़े और बोले शिल्पा तुम बहुत हॉट और सेक्सी हो i love you इतना कह के उनके होठ मेरी चूत पर आ गए वो मेरी चूत को कुत्ते की तरह जीभ निकाल कर चाटने लगे मुझे तो ऐसा लग रहा था की fiver आ गया हो मेरी बदन की एक एक भाग में जैसे आग लगा दी गई थी सर ने अपनी जीत जब चूत के छेद में डाली तक तो मैं उड़ने लगी थी जैसे सर के हाथ मेरी जान को सहला रहे थे
और वो जीभ से मेरी चूत की एक एक हिस्से को चाट रहे थे वो चूत के छेद में कभी अपनी जीभ डालते थे और कभी चूत के ऊपर के बालों को अपने मुंह में लेकर उन्हें खींचते थे मुझे यह सब क्रियाओं से इतना मजा आ रहा था कि जिसकी कोई हद ही नहीं है मैं उड़ने लगी थी बिना पंखों के ही सर मेरी चूत को 2- 3 मिनट तक ऐसे ही चूसते रहें और फिर उन्होंने खड़े हो कर मुझे नीचे बेंच पर बैठा दिया सर ने अपनी पेंट को खोला और सर्ट भी निकाल दिया वो मेरे सामने बनियान और चड्डी में थे, फिर उन्होंने धीरे से अपनी चड्डी निकाली और मेरी नजर सर के लंड पर गई सर का लंड बहुत जादा काला था क्योंकि वह सांवले थे इसलिए उनका लंड कोयले की तरह काला था
लंड खड़ा था और उसका सुपाड़ा खुल चुका था मैंने देखा कि लंड के ऊपर की चमड़ी नीचे आ चुकी थी सर ने मुझे नीचे ज़मीन पर लेता कर टाँगे खोने के लिए कहा और में दोनों टाँगों को दोनों तरफ फैला दिया अब मेरी चूत खुली थी उनके सामने सर ने अपनी लंड को अपने हाथ से पकड़ा और उसे मेरी चूत के ऊपर गिसने लगे उनका लंड बहुत ही गर्म था मुझे बहुत ही मजा आ रहा था उनके लंड को गिसने से सर ने फिर मेरे होठों को अपने होठों से लगाया और नीचे एक हल्का झटका दिया उई मां मर गई और मैं माँ माँ माँ माँ करने लगी बहुत दर्द हो रहा है होंठो से होठो को हटाने के चक्कर में मुझे हल्की खरोंच भी आ गई सर ने मुझे कंधे से पकड़ा और बोले शिल्पा 1 मिनट में ही दर्द मजे में बदल जाएगा और आराम से करूंगा कोई दर्द नहीं होगा
सर अब धीरे-धीरे अपने लंड को चूत में आगे पीछे करने लगे मुझे ऐसा लग रहा था जैसे की चूत में लोहे की जलती रड को पेल दिया गया था सर अभी भी लंड को धीरे धीरे अंदर से बाहर और बहार से अंदर कर रहे थे और जैसा उन्होंने कहा था मुझे कुछ देर में मजा भी आने लगा सर ने मेरी और देखा मैंने अपनी होंठो को दांतों के ताले दबाया हुआ था, शिल्पा अब कैसा है मैं ने सर को दर्द कम होने का जवाब दिया और फिर 1 mint बाद ही सर ने अपनी पल्सर हुए लंड को पूरा चूत में डालने और निकालने लगे
मुझे ऐसा लग रहा था जैसे लंड को मेरे पेट के साथ टकराया जा रहा हो सर अपने पेट को आगे पीछे कर रहे थे और मेरी चूत के अंदर लंड को धकेल रहे थे मुझे अब मजा आने लगी थी मैं अपने हाथ को पीछे कर लिया सर अब मेरी चूत को जोर -जोर से ठोक रहे थे और मुझे बड़ा मजा आने लगी थी मेरी चूत की चुदाई सर कर रहे थे और मैं सर को देख रही थी
अनिरुद्ध सर के मुँह से भी आह आह की आबाजे निकल रही थी क्योंकि शायद मेरी चूत बड़ी टाईट थी सर ऐसे ही 5 मिनट तक मुझे चोदते रहे और फिर उन्होंने अपना लंड मेरी चूत से निकाला और फिर बोले शिल्पा अब उलट जाओ ना और सर ने मुझे घोड़ी बना दी और फिर वो अपने लंड पर थूक लगा के मेरी चूत को अपने हाथ से फैलाके अपनी लंड को मेरी चूत में घुसेड़ दिया और सर ने पूरा लंड मेरी चूत में दाल दिया मुझे बहुत आंनद आ रही थी फिर सर ने मेरी लटकी हुई चूची को दोनों हाथ से पकड़ के दबाते हूँ पीछे से चोट मारना स्टार्ट कर दिया करीब 10 मिनट तक चोट मारने के बाद उनका लंड पानी छोड़ दिया और मेरी चूत में भर गया उस वक्त मुझे जो संतोष मिला वह दुनिया में किसी और चीज से नहीं मिल सकता था और फिर सर ने आखिरी 2 झटके लगाए और पानी पूरा अंदर निकाल दिया मुझे उस चरम सीमा का मजा अभी तक याद है सर जब मेरी चूत चोद कर अपने लंड को बहार निकाला तो वो बहुत ख़ुस थे ऐसा लग रहा था जैसे उन्होंने कोई चूत नहीं चोदी बल्कि उन्होंने हिमालय को अपने लंड से उठा लिया हो ओर फिर उस दिन के बाद सर ने सेंटर आना छोड़ दिया ऐसा लगा की वो सिर्फ मेरी चूत को चोदने के लिए ही सेन्टर पर पढ़ाते थे पर मैं अभी भी उनकी लंड को याद करती हु और मेरी पियासी चूत अभी अभी तक उस लंड का वेट कर रही हैं।
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